रविवार, 2 अगस्त 2015

मित्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें!

मित्रता दिवस (२ अगस्त) 


चित्र में बाएं से इफ़्तिख़ार आरिफ, अमृता प्रीतम, श्रीमती एवं श्री आक्तावियो पाश ( Oslo, 1985)
मित्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें!  बंधुवर! आप बंधुवर इस लिए हैं कि हम आपसे मित्रवत, भाई-बहन की तरह, मित्र की तरह, पड़ोसी और  एक साथी की तरह पाते हैं. क्या हम सोचते हैं उसपर केवल आपका और हमारा ही अंकुश रहता है. किसी को दबाव डालकर या अपने-दूसरे के ज्ञान-अज्ञान  के प्रभाव -दुर्भाव से बदला नहीं जा सकता। जब आँखें  बंद कर लेता हूँ तो आप में मुझे   इंसानियत दिखायी देती है.  कयोंकि हम आपको आपके व्यवहार से या पूर्वाग्रह से नहीं देख पाते।  
अपने मित्रों को चुन और छोड़ सकते हैं पर भूल नहीं सकते। ये मेरी विचारधारा है. हम उनके भी मित्र बनें और मदद करें जिनको हमारी जरूरत है. इंसानियत मित्रता को अमर बनाती  है और विवेकशील बनाती है.  अवकाश के समय या अवकाश प्राप्त होने के बाद हमारी समाज और देश, आस-पड़ोस के प्रति संवेदनशीलता बढ़नी चाहिये। उसे और बेहतर और सभी शांति-सुख और सम्पन्नता से रह सकें यह भी हमारा सपना होना चाहिए।

मेरे हमदम मेरे दोस्त सन 1977



बायें से महेश सूरी, आनंद प्रकाश गुप्त स्वयं मैं (सुरेशचन्द्र शुक्ल) और विनोद कुमार शर्मा।




कोई टिप्पणी नहीं: