शनिवार, 2 मई 2020

श्रमिक किसानों को हक़ उनका दिलाना - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

 श्रमिक किसानों को हक़ उनका दिलाना 
- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

पहली मई को तुम, यह कसम खाना, 
श्रमिकों के लिए, रेन बसेरा बनाना।

श्रमिकों के बच्चों को (भी) स्कूल जाना,
श्रमदान करके भैया उनको पढ़ाना। 

श्रमिकों किसानों जागो, तुम्हें आगे आना,
जगह-जगह अपने तुम संगठन बनाना। 

श्रमिकों के लिए तुम श्रमदान करना,
श्रमिकों से आयेगा, एक नया ज़माना। 

बस्ती-बस्ती गाँव-गाँव श्रमिक संघ बनाना,
सब जगह  विश्रामघर-भोजनालय बनाना।

दुनिया में कहर लायी, कोरोना महामारी,
मरे भूख से 70 करोड़, आपदा भारी।

करोड़ों को दस्तक देती, भुखमरी -बीमारी,
दुनिया में कहर लाई कोरोना महामारी।

कसम इंसानियत की, गरीबों को उठाना,
श्रमिक-किसानों को, उनका हक़ दिलाना।







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