अमृतलाल नागर की पुन्य तिथि आज है
लखनऊ, भारत में रहने वाले हिंदी के जाने माने उपन्यासकार अमृतलाल नागर जी की पुण्यतिथि आज है, यह जानकारी मुझे राजू मिश्र ने दी।
तीन वर्ष पहले २००७ में लखनऊ विश्वविद्यालय के उपकुलपति रामप्रकाश सिंह जी ने मुझे हिंदी विभाग के परिसर में हिंदी के तीन मूर्धन्य विद्वानों की मूर्तियों का अवलोकन कराया. अमृतलाल नगर, भगवती चरण वर्मा और यशपाल.
मुझे अमृतलाल नागर जी के प्रथम दर्शन १९६९ में सूचनाकेंद्र उत्तर प्रदेश में हुए थे जब हिंदी के एक दूसरे विद्वान हरेकृष्ण अवस्थी की बेटी डॉ आभा अवस्थी जी की गुड़ियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन मेरी प्रिय कवियित्री महादेवी वर्माजी ने किया था।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में लगभग दस वर्ष पहले लेखिका parishad के कार्यक्रम में मुझे भी मंचासीन किया गया तम मेरे साथ स्वर्गीय डॉ रमा सिंह जी के साथ डॉ आभा अवस्थी और नागर जी के पुत्र भी विराजमान थे। तब नागर जी और महादेवी जी की याद आ गयी थी।
लखनऊ नागर के वह ऐसे हस्ताक्षर थे जो पूरे देश में हिंदी के महान साहित्यकार बनकर चमके। उन्हें हमारी श्रद्धांजलि ।
3 टिप्पणियां:
श्रद्धांजलि!
मानस का हंस उड़ाना हो या ग़दर के फूल चुनने हों या कोठे के घुँघरुओं के कथ्य उकेरने हों - सबमें समान रूप से सिद्धहस्त नागर जी को श्रद्धांजलि और नमन।
'पुन्य' को 'पुण्य' कीजिए।
नागर जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
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