सोमवार, 3 नवंबर 2014

Big change in newspaper in India - Suresh Chandra Shukla

Presse i India er i forandring.  भारत में प्रेस में बहुत बड़ा बदलाव



कैलाश सत्यार्थी एवं सुमेधा जी का ओस्लो एयरपोर्ट पर स्वागत करते हुए सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' 

Presse i India i forandring. भारत में प्रेस में बहुत बड़ा बदलाव आया है. बड़े समाचार पत्रों में प्रथम पृष्ठ पर
हमारे भारत गौरव कैलाश सत्यार्थी जी पर मेरी कुछ बड़े पत्रकारों से बात हुई, उनमें से अधिकतर का कहना था कि सत्यार्थी जी भारत में चर्चित नहीं हैं? क्यों पर वह सपष्ट नहीं कह पाये! उन्होंने दबे मन से स्वीकार किया कि खोजी पत्रकारिता यानि स्वयं पता करके समाचार छापा जाए. कैलाश सत्यार्थी जी को मैं दो दशकों से जानता हूँ. वह विदेशों के अतिरिक्त भारत के सभी एक्टिविस्टों में आदर के पात्र रहे हैं पर हम प्रेस वाले उन विषय के विशेषग्योँ से  नहीं पूछते जिस विषय  के वह जानकार और एक्सपर्ट हैं.  सत्यार्थी जी की जीवनी कुछ देशों में  पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाई जाती है. हम कुछ प्रेस वाले घर की मुर्गी की आदत छोड़ें और खोजी पत्रकारिता को अपनाएँ और अपने संगठन आर्थिक न्यायिक रूप से  मजबूत करें।   मेरी नजर में प्रेस रिलीज और बने - बनाये समाचार की भी खोज की जानी चाहिए।  हम भारतीय लेखक भी इससे अछूते नहीं हैं.
 
 

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