शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

फेसबुक पर खुले आम हो रही कवितायें चोरी -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' -Suresh Chandra Shukla

 वाह धन्यवाद  संजना तिवारी जी. आपकी कविता आपके नाम से ही मशहूर रहेगी। संजना तिवारी ने अपने फेसबुक में लिखा है. "पवन भाई साहब , अरविन्द भाई साहब मेरा लिखा चुराने के लिये शुक्रिया". पवन कुमार पाण्डेय और अरविन्द शर्मा के अपने फेसबुक पर कविता चुराने के लिए धन्यवाद दिया है.

संजना तिवारी की कविता की पंक्तियाँ जो बिना उनके नाम के अपने फेसबुक और ब्लॉग पर लोग लिख रहे हैं:  जो गलत है उसकी हम निंदा करते हैं. 'शरद आलोक'

सुबह तो रोज जवां होती है
फिर शाम तक बुढ़ा  जाती है.
एक तेरी याद है कमबख्त 
जो आकर ठहर जाती है. 
        - संजना तिवारी

फेसबुक पर खुले आम हो रही कवितायें चोरी -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

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