बुधवार, 27 नवंबर 2019

नार्वे में भारतीय दूतावास में संविधान दिवस मनाया गया

संविधान को बहुत से लोगों ने मिलकर बनाया
और समिति के ख़ास लोगों के नाम हैं: जिसमें आंबेडकर के अलावा जवाहरलाल नेहरू और बल्लभ भाई पटेल अनेक समितियों में थे. नेहरू जी की ख़ास भूमिका थी.

संविधान सभा की समितियाँ प्रारूपण समिति - बी आर अम्बेडकर। 
संघ शक्ति समिति - जवाहरलाल नेहरू 
केंद्रीय संविधान समिति - जवाहरलाल नेहरू। 
प्रांतीय संविधान समिति - वल्लभभाई पटेल। 
मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और जनजातीय और बहिष्कृत क्षेत्रों पर सलाहकार समिति - वल्लभभाई पटेल।
मुख्य भारतीयों में जिनके नाम दिखाए उनमें जवाहर लाल नेहरू का नाम गायब था. 
उस समय के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे. उनका नाम नहीं था तो वर्तमान प्रधानमंत्री का नाम और फोटो सभी पोस्टरों में दर्शक को चौंकाता है. 

डाकूमेंट्री फिल्म में देखा कि भारतीय संविधान में पहले हस्ताक्षर जवाहरलाल नेहरू जी ने किये थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जयहिंद की जगह जय भीम का नारा लगाते दिखाया गया है और संविधान दिवस को आंबेडकर जयन्ती की तरह बनाने का पूरा प्रयास किया गया था. 

 नार्वे में भारतीय दूतावास में संविधान दिवस 
ओस्लो में भारतीय संविधान दिवस मनाया गया. इसमें विदेश विभाग नार्वे के प्रतिनिधि ने इस अवसर पर बधाई दी और बताया भारत के साथ नार्वे के रिश्ते बहुत पुराने हैं और नार्वे की प्रधानमंत्री जनवरी में भारत गयी थीं.
भारत में नार्वे ने बच्चों युवाओं की  शिक्षा सम्बन्धी प्रोजेक्ट में सहयोग के अलावा पर्यावरण और अनेक शोधों में
दोनों देश कार्य कर रहे हैं.
उन्होंने महात्मा गांधी जी के शांति और अहिंसा के सन्देश और स्वाधीनता दिवस को भारत के संविधान में बड़ी भूमिका बताया।

नार्वे के जाने माने वकील और मानवाधिकार के लिए कार्यरत ने कहा कि संविधान और भारतीय संविधान को पढ़कर लगता है कि महात्मा गांधी उसके हीरो रहे हैं. आजादी के संघर्ष से लेकर समानता, सभी को न्याय आदि गांधी जी का मूल मंत्र रहा है.

ओस्लो विश्वविद्यालय की कथिंका  ने  भारतीय संविधान को विशेष और सबसे बड़ा बताया।

 

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