शनिवार, 4 अप्रैल 2020

दीप इतने जलाओ, हो देश जगमग - सुरेशचन्द्र शुक्ल
















दीप इतने जलाओ, हो देश जगमग,
 दुनिया में अंधेरा कहीं रह न जाये।


दीप इतने जलाओ, हो देश जगमग,
भारत में अंधेरा कहीं रह न जाये।
सबके घर में ऐसी खुशियाँ भरी हों,
दुखों की जगह कहीं रह न जाये।


कोरोना से मिलकर लड़े मिल सभी,
बीमारी को हम जड़ से मिटायें।
मुसीबत घड़ी, हो आहुति सभी का,
अपने पड़ोस में कोई भूखा न सोये।

आपस के सारे गिले शिकवे मिटायें,
सेवा-प्रायश्चित का मरहम लगायें।
एकता भाई चारा हो पूरे जगत में,
कोरोना के चलते गले ना लगायें।।

     - सुरेशचन्द्र शुक्ल, 'शरद आलोक', ओस्लो।

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