सभी को जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं।
मधुर-मधुर स्मृतियों में मुड़कर
नहीं देख पाया हूँ रूककर
नहीं उठा पाया कोई सिक्का
गिरा हुआ जो भू पर
विश्वासों की नीवों पर कितने
पवित्र वात्सल्य करूणा बन आँसू
छलक गए हैं मुखपर
बच्चों के सानिध्य प्रेम का
अंजुरी में स्मृतियों के दोने
मुट्ठी में बालू सी यादें
आंखों को गंगाजल माना
खारा होकर खरा उतरता
आशीर्वाद सदा चमको जग बगिया में
हिम्मत हो या कठिन समस्या
ना ना न कह नाना कहाना
जीवन का हँसता मुस्काता
गुणवत्ता की माला पुहना
कभी जब रास्ता रोक खड़ा हो
उन पल को तुम दूर नमन कर
अपने पथ पर आगे बढ़ना
दुनिया में नीचे देखोगे
और पहुँचने को आतुर हो
हिमालय या पहाड़ खडा हो
हठी और श्रम से पवन मन
आशीर्वाद, नमन,
चिंतन खुशियों का आवाहन
दिन और बरस जियो सदा पर
पल-घंटों का मोल भी जानो।
ये हैं अपने पास अभी पर
उपयोग नहीं कर पाये यदि इसका
प्रतीक्षा में कोयल, मैना का गीत न देगा
समय गवाने का उपहार
इसी लिए कहता हूँ तुमसे
समय से सीखो करना प्यार
माता - पिता का मान बढाओ
कुछ तो बनकर दिखलाओ
जन्मदिन है खुशी मनाओ
मेरी भी चार खुशी ले जाओ।
श्रेया के मन में नवीन सी पंखुरियों की बेल खिले
रेणुओं के माथे का कद चार गुना हो
संसार चलेगा साथ उसी के
श्रद्धा, श्रम और समय साथ जो चल पायेगा।
- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
3 टिप्पणियां:
हम भी आपके साथ उन सभी को जन्मदिन पर आशीर्वाद देते है जिनका आज जन्मदिन है...
सुन्दर रचना.. शुभकामनाऐं
हमारी तरफ से भी आपके साथ साथ शुभकामनाऐं पहुँचे..रचना बढ़िया है.
एक टिप्पणी भेजें