शनिवार, 9 अप्रैल 2016

डायरी ओस्लो, 08.04.16 - Suresh Chandra Shukla

डायरी ओस्लो, 08.04.16

विक्रम संवत 2073 का पहला दिन


आज शुक्रवार और विक्रम संवत 2073 का पहला दिन. मन में उत्साह। प्रातः उठा खिड़की के पास लगे तापमान मीटर को देखा जो बाहर का तापमान 5 डिग्री बता रहा था.  एक कहानी पढ़ी. चाय पीकर कुछ मित्रों को इ-पत्र द्वारा और फेसबुक पर नये विक्रम संवत वर्ष के लिए मिली शुभकामनाओं का जवाब दिया और स्वयं भी कुछ लोगों को शुभकामनायें दीं.
आज नवरात्र का आरम्भ।  कोई वृत रहता है, कोई इन दिनों मांसाहारी कहना नहीं खाता। हम लोग तो वेजीटेरियन /शाकाहारी हैं. भोजन और भजन यानि धर्म ये निजी हैं.
सुन्दरकाण्ड का पाठ
बचपन में जब मैं पुरानी लेबर कालोनी ऐशबाग लखनऊ में रहता था तब मेरे पिताजी  घर पर अखण्ड रामायण करवाते थे. कुछ मित्र परिवार और पड़ोसी मिलकर २४ घंटे रामायण पढ़ते थे. यह मुझे एक सामाजिक और हिन्दी के विकास में सहयोगी उपक्रम  लगा.  लोग रामायण के पात्रों को आदर्श मानकर अपना जीवन सच्चाई और ईमानदारी से जीवन व्यतीत करना चाहते हैं.  दूसरा कि रामायण सरल अवधी भाषा में लिखा हुआ लोक काव्य है जिसे इसे पढ़ने वाले बहुत पसंद करते हैं.
ओस्लो में अपने निवास पर मैंने भी रामचरित मानस से  सुन्दरकाण्ड का पाठ 15:30 बजे किया जिसमें सवा घंटा लगा. और मायाजी ने पंचामृत बनाया जिसे अपने मित्रों और उनके परिवार के सदस्यों को दिया।
लेखक गोष्ठी
आज भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की ओर  से लेखक गोष्ठी का आयोजन मेरे  निवास पर सम्पन्न हुआ. गोष्ठी शाम 18:00  छः बजे शुरू हुई और साढ़े नौ बजे समाप्त हुई. इस कार्यक्रम में सबसे पहले विक्रम संवत पर चर्चा की गई और विक्रम संवत वर्ष पर लोगों ने एक दुसरे को शुभकामनायें दीं.
दिव्या विद्यार्थी और दीपिका रतूड़ी ने गीतों के गायन से  गोष्ठी को मधुर बनाया।  बाद में अलका भरत, मीना मुरलीधर ने गीतों को गाकर संगीतमय बनाया।
अंत में इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, नूरी रोयसेग, राजकुमार, प्रगट सिंह और सुरेशचंद्र शुक्ल ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया।
भोजन के बाद भी आपस में काफी देर तक विचार विमर्श होता रहा.  आजका दिन अच्छा रहा पर लेखन नहीं हुआ.


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