सोमवार, 4 अप्रैल 2016

मैनचेस्टर और बर्मिंघम की यात्रा 

३० मार्च को ओस्लो में रीग्गे एयरपोर्ट से मैनचेस्टर, यू के के लिए  फ्लाइट लेकर माया जी के साथ यात्रा पर आया. मैनचेस्टर एयरपोर्ट पर उतरकर रेलवे स्टेशन का पता पूछताछ कर रेलवे  स्टेशन गया. दस बारह मिनट पैदल चलने के बाद स्टेशन पहुंचे वहां रेल का टिकट लेकर बर्मिंगम के लिए प्लेटफार्म नंबर 4 A पर आ गए जहाँ से रेल ने प्रस्थान करना था.
माया जी का साथ बहुत समय बाद हम दोनों एक साथ विदेश की यात्रा पर आया हूँ.
एक अनोखी खुशी और एक अनोखा संतोष का अनुभव।
अज्ञात स्थान की यात्रा जैसा आनंद जबकि बर्मिंगम पहले भी आ चुका हूँ पर हवाई जहाज से.
२ अप्रैल को बर्मिंघम में साहित्यिक कार्यक्रम था गीतांजलि बहुभाषी समुदाय द्वारा आयोजित कवी सम्मलेन और सम्मान समारोह में भाग लेने आया था. आमंत्रण दिया था डॉ कृष्ण कुमार जी ने बर्मिंघम से जिनके निमंत्रण को हम इंकार नहीं कर सके थे. यहाँ रहते हुए फोन से डॉ. महेंद्र कुमार वर्मा, उषा वर्मा और श्रीमती पांडेय जी (डॉ श्याम मनोहर पांडेय) जी से बाअत हुई थी.
बर्मिंगम का मंदिर का अंदर से अवलोकन किया और पूजा में सम्मिलित हुए. एक परिवार अपने पौत्र का जन्मदिन मन रहा था.
बहार से भव्य गुरुद्वारा देखकर बहुत खुशी हुई.
बर्मिंघम की जेल से लेकर एक नया बड़ा अस्पताल जहाँ मलाला का इलाज हुआ  था सभी को दूर से या पास से देखा था.
बर्मिंघम के नगर काउन्सिल और मेयर कार्यालय का भ्रमण रोचक और पररनपद रहा जिसे भुलाया नहीं जा सकता।
कल 4 अप्रैल को ओस्लो वापसी है. कल 2 अप्रैल को यहाँ हुए गीतांजलि कार्यक्रम भी एक सफल और रोचक कार्यक्रम था जिसमें कवितापाठ किया और अपने अनुभव साझे किये।

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