गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

मेरी बर्मिंघम ब्रिटेन की यात्रा -Suresh Chandra Shukla

मेरी बर्मिंघम ब्रिटेन की यात्रा 
30 मार्च से 4 अप्रैल तक हमने माया भारती के संग मैनचेस्टर और बर्मिंघम की यात्रा की. यहाँ हमने मंदिर, निरंकारी समाज के प्रतिष्ठित विद्वान और प्रचारक श्री उपासक जी के घर भी गये.
भारतीय दूतावास बर्मिंघम में कवि  सम्मलेन और सम्मान समारोह संपन्न हुआ. पियाली रे जी को उनके बर्मिंघम में संस्कृति को योगदान के लिए सम्मानित किया गया.
कवि सम्मलेन में पंछी जी पंजाब भारत से आये थे और मैं  (सुरेशचंद्र शुक्ल) और माया भारती  नार्वे से आये थे. डॉ निखिल कौशिक, सोहन रही, शिखा वार्ष्णेय और शैल अग्रवाल ब्रिटेन से ही थीं. इनके अतिरिक्त श्री नय्यर, डॉ कृष्ण कन्हैया, दलजीत कौर, सीमा कौर, स्वर्ण तलवार, वंदना मुकेश और संयोजक डॉ कृष्ण कुमार सभी ब्रिटेन से थे.



भारतीय दूतावास के श्री जे के शर्मा मुख्य अतिथि थे जिन्होंने सभी का स्वागत किया और भाषा और साहित्य के योगदान के लिए बधाई दी.


हम एक हिन्दू मंदिर गये. वहां सत्य नारायण जी की कथा और भोज था. एक बिटिया का जन्मदिन के अवसर पर कार्यक्रम था. मंदिर भव्य और आयोजन शानदार था.
हम बर्मिंघम के सिटी काउन्सिल गए वहां मेयर कार्यालय में मेयर नहीं मिले परन्तु उनके कार्यालय सहयोगियों ने बहुत ध्यान दिया, बर्मिंघम में राजनैतिक इतिहास बताया तथा वहां प्रदर्शित चित्रों और वस्तुओं के दर्शन करते हुए उनके बारे में रोचक और विस्तार से बताया।
मेयर का ऐतिहासिक हार जो मेयर अपने कयरलय में पहनता है उस हार में तीन हीरे जेड थे तथा उसमें पूर्व के सभी मेयरों के नाम और वर्ष दिए गए थे. यह हार बहुत ऐतिहासिक था जिसे धारण करने का अवसर हम लोगों को दिया गया.




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