मंगलवार, 31 जुलाई 2018

प्रेमचंद जी आदर्श लेखक है। आज 31 जुलाई को प्रेमचन्द जयन्ती पर आप सभी को शुभकामनाएं और बधाई. Suresh Chandra Shukla

 आज 31 जुलाई को प्रेमचन्द जयन्ती  शुभकामनाएं और बधाई.

प्रेमचंद :शोषितो को नायक बनाने वाले पहले साहित्यकार।
हिन्दी कथा साहित्य को अद्भूत कल्पना लोक से यथार्थ जीवन के धरातल पर उतारने, समाज को वास्तविकता का अनावरण करने उसे चेतावनी और प्रेरणा देकर नव - जागरण फैलाने के लिए साहित्य मुंशी प्रेमचंद के युगों - युगों तक ऋणी रहेगा।
जिस हिंदी साहित्य के मुख्य आकर्षण राजा - महाराजा और विलक्षण महापुरुष हुआ करते थे उसी हिंदी साहित्य में पहली बार वे किसान नायक बने जो दिन-रात खेतों में खून पसीना बहाकर पूस की बर्फीली रात में ठिठुरते, खेतों की रखवाली करने के बावजूद अपनी फसल की अर्थी सूदखोरों के हाथों उठते देख मन मसोस कर रह जाते हैं। वे अभागे अछूत बने जो जी तोड़ मेहनत के बाद भी अपमान, प्रताड़ना और भूख - प्यास को गले लगाकर पेट में घुटने गड़ाए सो जाते हैं, जिन्हें पीने के साफ पानी तक नसीब नहीं होता, बाल वैधव्य की चिता और दहेज की वेदी पर वह नारी बनी जिसको बेकसूर होने पर भी जीते जी नरक भोगना पड़ता है।
इन सब शोषित - पीडितों का जीवंत चित्रण प्रेमचंद ने अपनी सशक्त लेखनी किया है। ग्रामीण वातावरण मानवीय स्वभाव और मनोवृत्ति इतनी सूक्ष्मता से उन्होंने यथार्थ चित्रण किया है।
प्रेमचंद कथाकार थे, नाटककार थे और पत्रकार भी थे। कलम, तलवार और त्याग पढ़ने वाले कह सकते हैं वे जीवनीकार भी थे। जो कुछ लिखा उन्होंने उसे साहित्यावकाश के एक जाज्वल्यमान दीपक की तरह प्रतिष्ठत कर दिया है। उनकी जयंती पर श्रद्धा पूर्वक सादर नमन करते हैं।

-Birendra Kumar Yadav

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