रविवार, 22 जुलाई 2018

किसानों का प्रदर्शन बनाम संसद में अविश्वास प्रस्ताव शो सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', Suresh Chandra Shukla

 किसानों का प्रदर्शन बनाम संसद में अविश्वास प्रस्ताव शो 
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो, 22 जुलाई

किसान प्रदर्शन (20 जुलाई 2018 को) कर रही दिल्ली की सड़क पर 
जनता चुप-चुप तमाशा देखती रही.
नौ करोड़ से बना, संसद में अविश्वास शो, 
मोदी-राहुल की झप्पी-पप्पी का बखान करती रही.

 किसान प्रदर्शन कर रहा, संसद में सत्र चल रहा.
 नौ करोड़ के संसद शो को टी वी में दिखा रहे.
सड़क पर किसान की माँग पर पर्दा डालते रहे,
आँख बंद किये पत्रकार (मीडिया), जुलुस देखते रहे.

 देश की समस्या पर बहस चर्चा की जगह,
झप्पी और पप्पी पर कपिल-शो बना रहे.
मालिकों-शासकों की मिली भगत, मौन है कारपोरेट जगत.
पत्रकारिता डरी-डरी, कह न सके खरी-खरी, 
जान हथेली पर रख, सत्य को बेदखल कर,
पत्रकार की बेबसी, चली न जाए नौकरी?

हम भेड़चाल में, प्रजातंत्र किस हाल में, 
देश बदहाल है, दरबारी खुशहाल है
दरबारी मीडिया अकड़, सत्य पर पर्दा जकड़,
जनता के विश्वास को चूना लगा ठग रहे.

सड़कों पर जुलुस था, किसानों का जुनून था
कवि भी मजनून भूल, साथ साथ चल पड़ा,
मीडिया क्यों दरबारी हुआ, ज्यों राग दरबारी हुआ.
मीडिया का फोकस,  मुद्दों से भटक गया है.


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