शनिवार, 21 जुलाई 2018

सोशल मीडिया पर आदरणीय राहुल जी और और आदरणीय मोदी जी मजाक सा दोनों छा गये हैं. -Suresh Chandra Shukla

 सोशल मीडिया पर कल भारतीय संसद में मुद्दों से हटकर व्यक्तिगत मजाक सा बन गया.
सोशल मीडिया पर आदरणीय राहुल जी और और आदरणीय मोदी जी दोनों छा गये हैं.
मेहनत टी डी पी पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव रख कर की. लोगों ने लोकसभा में चर्चा एक अच्छी फिल्म सी देखी गयी।   कई लोगों ने टिप्पणी की पर मुझे सबसे अच्छी कविता के रूप में टिप्पणी सूर्य कुमार पांडेय जी की यह कविता लगी बहुत बधाई।

 सूर्य कुमार पांडेय की कलम से 
आँख ही तो मारी,
कोई गप्प थोड़ी मारी है!
झप्पी ही ली है
कोई पप्पी थोड़ी ली है!!
बदले में तुमने भी
कौन कसर छोड़ी है?
राम ने मिलाई क्या ही
चौचक जोड़ी है।।
( सूकुपा)


पक्ष -विपक्ष गले मिल रहे,
जनता के छूटे छक्के।
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ओस्लो, नार्वे से. 

लोकतंत्र में छोड़ रहे हैं 
बड़भैये बोल रहे हैं.

गुब्बारों से फुट रहे हैं
बातों के गोलगप्पे।
पक्ष -विपक्ष गले मिल रहे,
जनता के छूटे छक्के।

लोकसभा टी वी पर चमके 
राम -लखन दो नेता।
बॉलीवुड सितारे शर्मायें 
दो मियाँ  नहीं अभिनेता। 

गले लगे हैं राहुल भैया 
क्या गले पड़े हैं?
मोदी बाबू ताल ठोककर 
खड़े हुए हैं। 

दोनों नेता मुस्काते पर इनके सेवक 
विदा समय दुलहन सा गरियाते हैं 
कुर्सी का लॉलीपाप चूसते ये दोनों 
आँख मारते, मुस्काते, सुस्ताते हैं। 




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