कल १२ मई नर्सिंग (परिचारिका) दिवस पर देर से ही बधाई-शरद आलोक
कल १२ मई को नर्सिंग डे यानि परिचारिका दिवस था। उधार फ़ुटबाल खेलते हुए मुझे जो चोट पीठ पर लगी और दर्द शुरू हुई उससे अभी छुटकारा नहीं मिला इसी कारण कल नर्सिंग दिवस पर बधाई नहीं दे सका। आज सभी बहन भाई मित्र जो भी नर्सिंग प्रोफेशन से जुड़े हैं उन्हें बधाई।
मुझे अपने भतीजे ओम प्रकाश और उनके गुरु श्रीमती चन्द्रा चौहान, सक्सेना जी और श्रीमती गंगा शर्मा (मेरे मित्र विनोद शर्मा जी की पत्नी) तीनो का स्मरण हो आया (ये सभी लखनऊ से सम्बन्ध रखते हैं ।) विनोद जी से तो फोन पर बात हो गयी और अन्य को अपने ब्लॉग के द्वारा स्मरण करने के बारे में विचार किया।
फ्लोरेंस नाईटएंगेल को इस प्रोफेशन /व्यवसाय का प्रेरक बताया जाता है। आज समाज में विशेषकर भारत में इस व्यवसाय के प्रति सम्मान बढ़ा है और इस व्यवसाय ने पूरे विश्व में स्वास्थ-जगत में एक ऐसी हलचल मचाई जिससे सभी का पुलकित होना स्वाभाविक है। कोई भी ऐसा नहीं होगा जो इस देवी स्वरूप/देवतास्वरूप व्यवसाय से लाभ न उठा पाया हो।
आशा है भविष्य में विश्व में सभी जगह इस व्यवसाय का सम्मान बढ़ेगा और इनको दी जाने वाली सुविधाएँ बढेंगी।
मेरे बचपन में यह सन् ७१ कि बात है जब मैं भी महीनों चारबाग लखनऊ में स्थित रेलवे अस्पताल में भारती रहा और तरह-तरह के अनुभव किये। बड़े भाई साईकिल यात्रा में थे, मझिले भाई पी ए सी में थे और पिताजी रोज मुझसे मिलने आते थे। फोन उस समय आम नहीं था न ही घर पर फोन ही था।
मेरे मित्र भी यदा-कदा मिलने आ जाते थे। ४१ वर्ष पहले की बात है। इसी अस्पताल के बाहर और अमौसी एयरपोर्ट पर मुझे स्व इंदिरा गाँधी जी को पुष्प भेंट करने का अवसर मिला था।
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