बुधवार, 11 अप्रैल 2018

दूसरों को दुआ देता था, वह आज मारा गया - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो नार्वे, 11.04.18 A hindi poem by Suresh Chandra Shukla

दूसरों को दुआ देता था, वह आज मारा गया
 सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो नार्वे, 11.04.18

दूसरों को दुआ देता था, वह आज मारा गया.
उसके  मासूमों इज्जत को, सरे आम उछाला गया.

बेक़सूर था ईमान थी उसकी कमजोरी,
 गवाही राजा के खिलाफ गवारा न हुआ।
बेटी के जिस्म को इसकदर लूटा गया,
जैसे वह पाकिस्तान और हिन्दुस्तान हुआ।





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