रविवार, 7 नवंबर 2010

जिनके घर में न दीप न बाती, उनके घर में दीप जलाना- शरद आलोक

जिनके घर में न दीप न बाती, उनके घर में दीप जलाना- शरद आलोक
दीपावली पर्व पर सपरिवार आपका हमारी शुभ कामना है!
जिनके घर में, न दीप न बाती
उनके घर भी दीप जलाना
जीवन में नव खुशिया लाये
पर्व प्रकाश का तिमिर हटाये.
अपनों को तुम भूल न जाना
दीन-दुखी को गले लगाना.
जिनके घर में, न दीप न बाती
उनके घर भी दीप जलाना
महाशक्ति लघु होते देखा
घमंड का सर नीचा देखा।
दीप तले अंधियारा रहता,
देता उजियारा अनजाना।
जिनके घर में, न दीप न बाती
उनके घर भी दीप जलाना!!
आप अपने परिवार के साथ सदा सुखी एवं प्रसन्न रहें, इसी मंगल कामना के साथ,
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ओस्लो, नार्वे

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