रविवार, 8 मई 2011

अंतर्राष्ट्रीय लेखक गोष्ठी ओस्लो, नार्वे में देवी नागरानी सम्मानित - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

अंतर्राष्ट्रीय लेखक गोष्ठी में स्वतन्त्रता दिवस और रवीन्द्र नाथ टैगोर का जन्मदिन मनाया गया

बाएँ से शरद आलोक, स्थानीय मेयर थूरस्ताइन विंगेर और बी के श्रीराम देवी नागरानी को शाल द्वारा सम्मानित करते हुए

भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में ओस्लो वाइतवेत कल्चर सेंटर, ओस्लो में यू एस ए में हिंदी कि सशक्त गजलकार और समीक्षक देवी नागरानी को सम्मानित किया गया। उन्हें स्थानीय मेयर थूर स्ताइन विंगेर और भारतीय दूतावास के सचिव बी के श्रीराम ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
रवींद्र नाथ टैगोर (7 May 1861 – 7 August 1941) का आज 7 मई को 150वां जन्मदिन था। वह एक लेखक, पेंटर, चित्रकार, संगीतकार और लेखक थे उनका जन्मशती वर्ष पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। वह विश्व के एकमात्र ऐसे कवि हैं जिनके गीतों को तीन देशों के राष्ट्रगान होने का सम्मान मिला है।
नार्वे को आज ८ मई १९४५ को नार्वे को नाजी साम्राज्य से छुटकारा मिला था और नाजी जर्मनी शासन समाप्त हुआ था और नार्वे के माननीय राजा होकुन सप्तम अपने परिवार के साथ स्वदेश लौटे थे।
कार्यक्रम का आरम्भ दोनों देशों के राष्ट्रीय गान से आरम्भ हुआ जिसे प्रस्तुत किया निकीता, आलेक्संदर शुक्ल सीमोनसेन, अरविन्द सीवेर्टसेन और कुनाल भरत ने। उसके बाद सम्मानित किया गया देवी नागरानी और परमेश्वरी जसवानी को।
लेखक गोष्ठी में जिन्होंने गीत और कवितायें सुनाईं उनमें देवी नागरानी (यू एस ए) , परमेश्वरी जसवानी (स्वीडेन) और नार्वे के राज कुमार भट्टी, जसबीर कौर, माया भारती, राय भट्टी, इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, रूचि माथुर, सिगरीद मारिये रेफ्सुम, लीव एवेन्सेन, नीलम लखनपाल और सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' आदि थे।

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