मंगलवार, 17 मई 2011

८ मई, नार्वे की नाजी मुक्ति के बहाने अपनी यादों के गहरे में- सुरेशचन्द्रा शुक्ल 'शरद आलोक'

संगीतकार श्री लाल जी से २४ जनवरी १९८० से मई २०११ तक के सफ़र की चार बातें


मुझे आज भी स्मरण है

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